एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में गिरफ्तार मुख्य शूटर शिवकुमार गौतम की पुलिस हिरासत 23 नवंबर तक बढ़ा दी गई है. मुंबई की एक अदालत में मंगलवार को पुलिस ने उसकी रिमांड बढ़ाने की मांग की थी. पुलिस का कहना है कि वो जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. इसके साथ ही वारदात में इस्तेमाल किया गया हथियार अभी तक बरामद नहीं हुआ है. पुलिस की दलील सुनने के बाद अदालत ने शूटर की हिरासत बढ़ा दी है.
मुंबई क्राइम ब्रांच ने यूपी एसटीएफ के साथ संयुक्त अभियान में 20 वर्षीय शूटर शिवकुमार सहित पांच लोगों को 10 नवंबर को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिसे से गिरफ्तार किया था. इनमें अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव और अखिलेंद्र प्रताप सिंह का नाम शामिल है, जिनको शिवकुमार गौतम को अपने वहां शरण देने और नेपाल भागने में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
सभी आरोपियों को मंगलवार को उनकी पिछली रिमांड की समाप्ति पर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद पाटिल के समक्ष पेश किया गया. अदालत ने शिवकुमार गौतम की पुलिस हिरासत 23 नवंबर तक बढ़ा दी, जबकि अन्य आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी (66) की 12 अक्टूबर को बांद्रा ईस्ट में तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
शूटर शिवकुमार गौतम बहराइच जिले के कैसरगंज थाना क्षेत्र के गंडारा गांव का निवासी है. वो कुछ साल पहले मजदूरी करने महाराष्ट्र गया था. इस साल अप्रैल में उसने आरोपी धर्मराज कश्यप को काम करने के लिए बुलाया था. पुलिस पूछताछ में मुख्य आरोपी शिवकुमार ने कई बड़े खुलासे किए हैं. उसने बताया कि वो और धर्मराज कश्यप एक ही गांव के रहने वाले हैं. वो पुणे में स्क्रैप का काम करता था. शुभम लोनकर और उसकी दुकान आसपास थी.
शुभम लंबे समय से गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम कर रहा है. शुभम ने स्नैप चैट के जरिए उसके भाई अनमोल बिश्नोई से बात कराई थी. उसने बाबा सिद्दीकी की हत्या के एवज में 10 लाख के साथ हर महीने कुछ रुपए देने का वादा किया था. बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए हथियार, मोबाइल फोन और सिम शुभम लोनकर और मो. यासीन अख्तर ने दिया था. वारदात के बाद बातचीत के लिए तीन शूटरों को नए सिम और मोबाइल दिए गए थे.
उन तीनों ने कई दिनों तक मुंबई में बाबा की रेकी करने के बाद 12 अक्टूबर की रात उनकी हत्या कर दी. त्योहार होने के कारण पुलिस और भीड़ थी, जिसके कारण दो शूटर पकड़ लिए गए. लेकिन शिवकुमार वहां से फरार हो गया. उसने अपना फोन रास्ते में फेंक दिया और पुणे चला गया. वहां से झांसी और लखनऊ के रास्ते बहराइच पहुंच गया था. रास्ते में वो लोगों के फोन मांगकर अपने साथियों और हैंडलर से बात करता रहा था.
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